हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "तोहफ ए ओकूल " पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامیر المومنین علیه السلام
اِقبَل عُذرَ أخيكَ، فَإِن لَم يَكُن لَهُ عُذرٌ فَالتَمِس لَهُ عُذرا
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
अपने दीनी भाई की गलती को कुबूल करो,और अगर उसके पास कोई बहाना ना हो तो खुद उसके लिए बहाना तलाश करो,
तोहफ ए ओकूल,पेंज 112