हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "तोहफ ए ओकूल " पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلى الله عليه و آله وسلم
أمّا علاَمةُ البارِّ فعَشرَةٌ : يُحِبُّ في اللّه ِ ، و يُبْغِضُ في اللّه ِ ، و يُصاحِبُ في اللّه ِ ، و يُفارِقُ في اللّه ِ ، و يَغْضَبُ في اللّه ِ، و يَرْضى في اللّه ِ ، و يَعملُ للّه ِ ، و يَطلُبُ إلَيهِ ، و يَخْشَعُ للّه ِ خائفا مَخُوفا طاهِرا مُخْلِصا مُسْتَحْيِيا مُراقِبا، و يُحْسِنُ في اللّه ِ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
एक इंसान के 10 लक्षण हैं।
1) खुदा के लिए किसी से मोहब्बत करता है।
2)खुदा के लिए ही किसी से नफ़रत करता हैं।
3) खुदा के लिए किसी से दोस्ती करता है।
4) खुदा के लिए किसी से जुदा होता है।
5) खुदा के लिए क्रोध करता हैं।
6) खुदा के लिए किसी से राज़ी होता है।
7) खुदा के लिए काम करता हैं।
8) खुदा की तलाश में रहता है।
9) खुदा के सामने विनम्र, भयभीत, शुद्ध, ईमानदार,और आत्मकेंद्रित है।
10) खुदा की राह में एहसान और नेकी करता है।
तोहफ ए ओकूल,21,,बिहार 1/121