۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
सऊदी अरब के शोहदा

हौज़ा / दमनकारी सऊदी सरकार ने अहलेबैत (अ.स.) के अनुयायी 41 युवाओं को इस अपराध के लिए मार डाला क्योंकि वे सरकार से अपने वैध अधिकारों की मांग कर रहे थे जिसने उनका क्रूर नरसंहार किया था।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, वाशी मुंबई में इमाम सादिक (अ.स.) मदरसा के छात्रों और शिक्षकों ने एक बयान जारी कर सऊदी सरकार द्वारा हाल ही में किए गए अत्याचारों की निंदा की और कहा कि सऊदी सरकार द्वारा मकतबे अहलेबैत (अ.स.) के 41 जियालो को फांसी देना अत्याचारी सरकार के विनाश की दिशा में एक और कदम है।

उन्होंने कहा कि बड़े दुख के साथ यह खबर मिली है कि अत्याचारी सऊदी सरकार ने अहलेबबैत (अ.स.) के अनुयायी 41 युवकों को इस अपराध के लिए फांसी पर लटका दिया था क्योंकि वे सरकार से अपने वैध अधिकारों की मांग कर रहे थे। जिन शहीदों का नरसंहार किया गया था, उन्हें सऊदी सरकार के अत्याचार और बर्बरता के इतिहास में एक काला दिन माना जाएगा जहां सरकार के अन्यायपूर्ण व्यवहार के अपराध के लिए अपने ही देश के लोग मारे गए थे। वे गुस्से में थे और अपने अधिकारों की मांग कर रहे थे। दूसरी ओर मानवाधिकार भाषी देशों को अपनी जुबान और कलम पर शर्म आती है। इस अपराध की सजा मिलेगी और शहीदों का खून व्यर्थ नहीं जाएगा।

इमाम सादिक (अ.सय) मदरसा के छात्रों और शिक्षकों ने कहा कि हम सभी शहीदों के परिवारों, उनके प्रियजनों और रिश्तेदारों, महान विद्वानों, अधिकारियों, मदरसों और विशेष रूप से इमाम असर (अ.त.फ.श.) की सेवा में विश्वास करने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त करेंगे। ईश्वर इन सभी शहीदों के दरजात को बुलंद करें और उन्हें जवार मासूम (अ.स.) मे स्थान दें।

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