۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
مولانا سید محمد ذکی حسن

हौज़ा/ मुंबई,संपादक जाफरी ऑब्जर्वर, का कहना है कि अब सऊदी अरब की अत्याचारी सरकार से मांग करने का समय आ गया है,कि वह इस शर्मनाक और गैर इस्लामिक अपराध के लिए पूरे उम्मा मुस्लमा से माफी मांगे और जन्नतुल बक़ी में मुकद्दस दरगाहो की निर्माण की अनुमति दें।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हुज्जतुल इस्लाम
मौलाना सैय्यद मुहम्मद ज़की हसन ने एक इंटरव्यू में
संपादक जाफरी ऑब्जर्वर, मुंबई ने इन्हेदामे जन्नतुल बक़ी कि मोनासेबत से अपने एक बयान में कहा कि
जन्नतुल बक़ी सिर्फ एक कब्रिस्तान नहीं बल्कि धरती पर स्वर्ग का एक टुकड़ा क्योंकि वहाँ अहलेबैत अ.स.  और रसूल अल्लाह की कब्र मौजूद है, मोहब्बतें अहले बैत अ.स. और कुरान हुक्म देता है, और तमाम कलमा पढ़ने वालों पर वाजिब है रसूल अल्लाह और उनकी औलाद कब्र के लिए आवाज़ उठाएं और वहां पर बारगाह बने, और अकीदत की यही निशानी है.इस कारण से, जब आज से लगभग सौ साल पहले मदीना में जनातुल बकी कब्रिस्तान में अहले अलबैत (अ) की कब्रों को सऊद की सभा द्वारा गिरा दिया गया था,क्योंकि यह ज़ुल्म सिर्फ एक संप्रदाय या समूह के साथ नहीं हुआ है, बल्कि इसने इस्लाम को चोट पहुंचाई है और मुसलमानों को चोट पहुंचाई है.
उन्होंने अपने बयान में कहा कि  आज हिजाज़ के यहूदी विशेषणों की सऊदी सरकार से समानता और इज़राइल के सऊदी विशेषणों की यहूदी सरकार से समानता को अच्छी तरह से समझा जा सकता है क्योंकि पहले वाले ने बकिया की दरगाह को तोड़ा है और दूसरे ने यरूशलेम के उजाड़ने का सपना देखा है।
अंत में, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दे कर कहां कि
अब सऊदी अरब की अत्याचारी सरकार से मांग करने का समय आ गया है,कि वह इस शर्मनाक और गैर इस्लामिक अपराध के लिए पूरे उम्मा मुस्लमा से माफी मांगे और  जन्नतुल बक़ी में मुकद्दस दरगाहो की निर्माण की अनुमति दें।

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