हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "कन्ज़ुल उम्माल " पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه وآله وسلم
فَضلُ الشّابِّ العابِدِ الذي تَعَبَّدَ في صِباهُ على الشيخِ الذي تَعَبَّدَ بعدَ ما كَبِرَت سِنُّهُ كَفَضلِ المُرسَلِينَ على سائرِ الناسِ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
एक इबादत गुजा़ार जवान कि जिसने जवानी में बंदगी का रास्ता अख्तियार किया हैं, वह उस बूढ़े इबादत गुज़ार कि जिस ने बुढ़ापे में खुदा की बंदगी शुरू कि हैं, उसको इस तरह फज़ीलत हासिल हैं, जिस तरह हज़रत रसूल अल्लाह स.स.व.व.दूसरों लोगों पर फज़ीलत रखते हैं।
कन्ज़ुल उम्माल ,43059