हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " आअ लामुद्दीन" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
إنَّ أحَبَّ الخَلائِقِ إلَى اللّه ِتَعالى شابٌّ حَدَثُ السِّنِّ في صورَةٍ حَسَنَةٍ، جَعَلَ شَبابَهُ وجَمالَهُ في طاعَةِ اللّه ِ تَعالى، ذاكَ الَّذي يُباهِي اللّه ُ تَعالى بِهِ مَلائِكَتَهُ، فَيَقولُ: هذا عَبدي حَقّا
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
जीवयों में ख़ुदा के नज़दीक पसंदीदा तरीन वह कम उम्र और ख़ूबसूरत जवान है कि जिसने अपनी जवानी और ख़ूबसूरती को अल्लाह की इबादत की राह में लगा दिया, और अल्लाह तआला फरिश्तों के यहां उस जवान पर फ़ख्र करता है वह फ़रमाता हैं, यह मेरा हक़ीक़ी बंदा हैं।
आअ लामुद्दीन, पेज 120
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