۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
چوپ

हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह (स.ल.व.व)ने एक रिवायत में मोहब्बते अली (अ.स.)के हैरतअंगेज समरे(फल) की ओर इशारा किए हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " कन्ज़ुल उम्माल " पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:

:قال رسول اللہ صلى ‌الله ‌عليه ‌و‌آله وسلم

حُبُّ عَلّیِ بنِ ابی‌طالبٍ یأکُلُ اُلذّنوبَ کما تَأکُلُ النارُ الحَطَبَ


हज़रत रसूल अल्लाह (स.ल.व.व)ने फरमाया:


मोहब्बतें अली इब्ने अबी तालिब अ.स. गुनाहों को इस तरह खा जाती है, जिस तरह आग लकड़ी (खुश्क) लकड़ी को खा जाती है (यानी जलाकर राख में तब्दील कर देती है)
कन्ज़ुल उम्माल ,भाग 11,पेंज 621

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