हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "फज़ायेलुश शहर अलसलासा" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه وآله و سلم
مَن قامَ لَيلَةَ القَدرِ إيمانا وَ احتِسابا ، غُفِرلَهُ ما تَقَدَّمَ مِن ذَنبِهِ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
जो भी शख्स ईमान के साथ और सवाबे ईलाही तक पहुंचने की नियत से शबे कद्र को इबादत में गुज़ारे गा तो उसके पिछले गुनाह माफ कर दिए जाएंगे,
फज़ायेलुश शहर अलसलासा,पेंज़ 126