हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है
:قال رسول الله صلی الله علیه وآله وسلم
لَو يَعلَمُ العَبدُ ما في رَمَضانَ لَوَدَّ أن يكونَ رَمَضانُ السَّنَةَ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
अगर बंदे को माहे रमज़ानु मुबारक की अहमियत का ज्ञान होता तो वह आरज़ू करता की है ए काश पूरा साल ही रमज़ान होता,
बिहारूल अनवार,96/346/12