हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित हदीस को "वसाइल अल-शिया" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الصادق علیہ السلام:
مَنْ سَرَّهُ أَنْ يَكُونَ عَلى مَوائِدِ النُّورِ يَوْمَالْقِيامَةِ فَلْيَكُنْ مِنْ زُوّارِ الْحُسَيْنِ بْنِ عَلِىٍّ عليهماالسلام
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.स.) ने फ़रमाया:
जो व्यक्ति इस बात को पसंद करता है कि क़यामत के दिन नूर के दस्तरख़ान पर बैठे तो उसे चाहिए कि वह इमाम हुसैन के तीर्थयात्रियों (ज़ाएरीन) में से हो।
वसाइल अल-शिया, भाग 10, पेज 330