हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "काफी" नामक पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الرضا عن امیرالمومنین علیہما السلام:
خَيْرُ نِسائِكُمْ، اَلْخَمْسُ. قِيلَ: يا اَمِيرَالمُؤْمِنينَ! وَ مَا الْخَمْسُ؟ قالَ: اَلْهَيِّنَةُ، اللَّيِّنَةُ، المُؤاتِيَةُ، الّتِي إذا غَضِبَ زَوْجُها لَمْ تَكْتَحِلْ بِغَمْضٍ حَتّى يَرْضى، وَ اِذا غابَ عَنْها زَوْجُها حَفِظَتْهُ في غَيْبَتِهِ، فَتِلْكَ عامِلٌ مِنْ عُمّالِ اللَّهِ وَ عامِلُ اللَّهِ لا يَخِيبُ؛
हज़रत इमाम रज़ा (अ.स.) ने अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) से नक़्ल करते हुए फ़रमाया:
आपकी बेहतरीन महिलाओ के पांच गुण है। उनसे पूछा गया: ऐ अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) ! वे पांच गुण क्या हैं? को उन्होंने फ़रमाया:
1- कम उम्मीद और कम मेहेर,
2- अच्छे शिष्टाचार और अच्छे स्वभाव और आज्ञाकारी एंवम सहमत होना,
3- जब उसका पति उससे नाराज होता है, तो वह तब तक नहीं सोती जब तक कि वह पति को राज़ी न कर ले,
4- पति की अनुपस्थिति मे उसका सम्मान और धन की रक्षा करती है,
5- ऐसी महिला भगवान की सेवकों में से एक है। और भगवान की दासी को कभी भी असफलता या हानि नहीं होती है।
कॉफी: भाग 5, पेज 325