۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
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हौज़ा/कौमों की गुलामी से मुक्ति और दुनिया के राष्ट्रों पर शासन करना ईल्म और अनुसंधान से ही संभव है।लेकिन हर तरह के रिसर्च से स्वतंत्रता नहीं प्राप्त होती, बल्कि विश्वास, नैतिकता और धर्म की छाया में ज्ञान और अनुसंधान प्राप्त होता हैं वह फायदेमंद हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,(लेखक:यस शगरी)
दुनिया में सत्ता और शासन के कुछ सिद्धांत हैं, जिनमें से एक है ज्ञान और अनुसंधान (रिसर्च)। जिस राष्ट्र में अधिक शोधकर्ता होते हैं, वह राष्ट्र अन्य राष्ट्रों पर शासन करता है।

इसका कारण क्या है?
रिवायत में हैंं कि ”العلم سلطانٌ”
ज्ञान का राजा है।
ज्ञान वाला देश ही शासन कर सकता है।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता फरमाते हैं।
शिक्षा एक सभ्यता की नींव हैं,इसलिए शिक्षा, ज्ञान और शोध एक विश्व सभ्यता का मार्ग प्रशस्त करता हैं।
दुसरी जगह फरमाते हैं।
शिक्षा एक सभ्यता राजनीतिक, सैन्य, सांस्कृतिक और आर्थिक क्षेत्रों में एक कौम को स्थिरता और शक्ति प्रदान करता हैं।
कौमों की गुलामी से मुक्ति और दुनिया के राष्ट्रों पर शासन करना ईल्म और अनुसंधान से ही संभव है।लेकिन हर तरह के रिसर्च से स्वतंत्रता नहीं प्राप्त होती, बल्कि विश्वास, नैतिकता और धर्म की छाया में ज्ञान और अनुसंधान प्राप्त होता हैं वह फायदेमंद हैं।

इसलिए नेता की नजर में ज्ञान और शोध का अर्थ है एक राष्ट्र को उपनिवेशवाद और अहंकार के चंगुल से मुक्त करना और स्वतंत्रता और संप्रभुता की ओर बढ़ना।

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के नज़र में ज्ञान और शोध का अर्थ है एक राष्ट्र को उपनिवेशवाद और अहंकार के चंगुल से मुक्त करना और स्वतंत्रता और संप्रभुता की ओर बढ़ना हैं।

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