हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "कंज़ुल उम्माल" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه وآله وسلم
اَفْضَلُ الشُّهَداءِ الِّذينَ يُقاتِلُونَ فىِ الْصَّفِ الاَْوَّلِ فَلا يَلْفِتُونَ وُجُوْهَهُمْ حَتّى يُقْتَلُوا، اُوْلئِكَ يَتَلَبَّطُونَ فىِ الْغُرَفِ الْعُلى مِنَ الْجَنَّةِ يَضْحَكُ اِلَيْهِمْ رَبُّكَ فَاِذا ضَحِكَ رَبُّكَ اِلى عَبْدٍ فى مَوْطِنٍ فَلاحِسابَ عَلَيْهِ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
अफज़ल तरीन शोहदा वह हैं, जो फ्रंट लाइन(अग्रिम पंक्ति) पर दुश्मन से जंग करते हैं और कभी पीठ नहीं फिरते अल्लाह तआला उन पर फक्र करता है और अगर अल्लाह तआला किसी पर फक्र करें यानी अल्लाह तआला उससे राज़ी और खुश हैं, तो उस पर कोई हिसाब किताब नहीं होता,
कंज़ुल उम्माल,भाग 4,पेंज 401