हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मरकज़े फिकही अईम्मा अतहार अ.स. के प्रमुख ,आयतुल्लाह मोहम्मद जवाद फाजिल लंकारानी ने हज़रत इमाम खुमैनी र.ह.की 33वीं वर्षगांठ पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इमाम खुमैनी र.ह.की विद्वानों की स्थिति और जितना अधिक हम न्यायशास्त्र और सिद्धांतों में अध्ययन करते हैं, उतना ही हम इमाम खुमैनी र.ह. की महानता की सराहना करेंगे।
आयतुल्लाह मोहम्मद जवाद फाजिल लंकारानी ने आगे कहां, इमाम खुमैनी र.ह. ने दीन ही के माध्यम से इस्लामी क्रांति की मज़बूत बुनियाद रखी और उनकी विचारधारा इस्लामी कानून को कायम करना था जिसमें सभी लोग सामान्य हो और सब का हक बराबर हो दीन ए इस्लाम के सामने दुनिया की कोई अहमियत नहीं थी उनकी नज़र में,इस महान व्यक्तित्व को पहचानने के लिए हौज़ा ए इल्मिया कि ज़रूरत हैं।
आयतुल्लाह फाजिल लंकारानी ने आगे कहां,कि इमाम खुमैनी र.ह. ने एक इस्लामी सरकार की स्थापना की और समाज में उत्पीड़न और न्याय पैदा किया उनकी बहादुरी का यह परिणाम हैं।
अंत में उन्होंने कहा कि हम सभी को इस चीज़ पर विचार करना चाहिए कि इमाम खुमैनी र.ह. किस तरीके से इस मुकाम को हासिल किए?