हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال امیرالمومنین علیه السلام
عَجِبْتُ لِمَنْ يَقْنَطُ وَ مَعَهُ الاِْسْتِغْفارُ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
मुझे उस व्यक्ति पर आश्चर्य होता हैं,जो इस्तेगफार के होते हुए भी ना उम्मीदी का इज़हार करता हैं।
बिहारूल अनवार,हदीस नं 84,पेंज 1124