۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में ऐसे काम की ओर इशारा किया है जो ना उम्मीद ही को खत्म कर देता हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:

:قال امیرالمومنین علیه السلام

عَجِبْتُ لِمَنْ يَقْنَطُ وَ مَعَهُ الاِْسْتِغْفارُ


हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:


मुझे उस व्यक्ति पर आश्चर्य होता हैं,जो इस्तेगफार के होते हुए भी ना उम्मीदी का इज़हार करता हैं।
बिहारूल अनवार,हदीस नं 84,पेंज 1124

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