हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " बिहरूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم
لا خيرَ في السَّرَف و لا سَرَفَ في الخير
हज़रत रसूल अल्लाह (स.ल.व.व)ने फरमाया:
इसराफ और फिजूलखर्ची में कोई खैर और भलाई नहीं है, और इसी तरह (ओमेरे खैर) नेकी के कामों में कोई इसराफ नहीं हैं।
बिहारूल अनवार, भाग 77,पेंज 169