हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الباقر علیہ السلام
تَبَسُّمُ الرَّجُلِ في وَجهِ أخيهِ المُؤمِنِ حَسَنَةٌ
हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
मोमिन भाई के सामने मुस्कुराना भी नेकी (भालाई)हैं।
बिहारूल अनवार,भाग 74,पेंज 288