हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, बारामूला कश्मीर/ तंजीमुल मकातिब के तत्वावधान में कश्मीर प्रांत के विभिन्न इलाकों में धार्मिक शैक्षणिक सम्मेलन, सभाएं और शोक समारोह चल रहे हैं।
7 जून को हुसैनाबाद, जालपुरा, नोगाम, बांदीपोरा में धार्मिक शिक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसकी शुरुआत पवित्र कुरान की तिलावत से हुई। बाद में नात पाक पढ़ी गई। इमामिया स्कूलों के छात्रों के शैक्षिक प्रदर्शनों के अलावा, शायरो जनाब मायाल चंदोलवी, मौलाना दिलकश गाजीपुरी और जनाब रजा मोरानवी ने मनकबत और शैक्षिक जागरूकता वाले अशआर पेश किए।
तंज़ीमुल मकातिब के संयुक्त सचिव मौलाना फ़िरोज़ अब्बास ने भाषण दिया और मौलाना मुमताज अली, उपाध्यक्ष, तंज़ीम अल-मकतिब ने सभा को संबोधित किया।
7 जून को तंज़ीमुल मकातिब के प्रमुख मौलाना सैयद सफी हैदर जैदी साहिब की अध्यक्षता में पीठपुरा, मीरगंडपाटन, बारामूला में धार्मिक शिक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसकी शुरुआत पवित्र कुरान की तिलावत से हुई। बाद में नात पाक पढ़ी गई। इमामिया स्कूलों के छात्रों के शैक्षिक प्रदर्शनों के अलावा, शायरो जनाब मायाल चंदोलवी, मौलाना दिलकश गाजीपुरी और जनाब रजा मोरानवी ने मनकबत और शैक्षिक जागरूकता वाले अशआर पेश किए और इमामिया स्कूलों के छात्रों ने शैक्षिक प्रदर्शन प्रस्तुत किए।
मौलाना सैयद काज़िम मेहदी उरूज जौनपुरी ने अपने भाषण में ज्ञान के महत्व पर जोर दिया और तंज़ीमुल मकातिब की सेवाओं की सराहना की।
सभा को संबोधित करते हुए तंज़ीमुल मकातिब के प्रमुख मौलाना सैयद सफी हैदर जैदी ने कहा कि हमारे महान विद्वानों द्वारा हमें सिखाई गई दुआए मासूमीन (अ.स.) द्वारा सिखाई गई हैं। वही हमें पढ़ना चाहिए। हमें इसे कम करने या बढ़ाने का कोई अधिकार नहीं है। आविष्कार हक़ नहीं है।
अंत में, तंजीमुल मकातिब के उपाध्यक्ष मौलाना मुमताज अली ने सभा मे हदीसे रसूल अना मदीनतुल इल्मे वा अलीयुन बाबोहा को शीर्षक बना कर संबोधित किया। जिसमे उन्होने मौला ए कायनात की जीवनी के कुछ भाग पर प्रकाश डाला।