हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,यह मजलिस हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन काज़िम सिद्दीक़ी ने पढ़ी उन्होंने मजलिस में बंदगी को इंसान में अल्लाह की तजल्ली के लिए ज़रूरी बताया और इस बात का उल्लेख करते हुए कि धार्मिक शासन, बंदगी के फैलाव और तौहीदी समाज के गठन के लिए ज़रूरी है, कहाः बंदगी के जज़्बे को परवान चढ़ाने और तरह तरह की बुराइयों से इंसान को बचाने और उसकी मदद करने में हुसैनी कशिश बेजोड़ है।
इस मजलिस की शुरुआत में जनाब मुहम्मद मोहसिन मुवह्हेदी ने क़ुरआने मजीद की कुछ आयतों की तिलावत की, जनाब महदी समावाती ने दुआए तवस्सुल और मसाएब पढ़े और जनाब सैयद रज़ा नरीमानी ने मरसिया और नौहा पढ़ा।