हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक बार फिर शहर मेलबर्न हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैय्यद अबुल कासिम रिज़वी की कयादत में
में पूरा विरोध में बदल गया।स्थानीय लोगों के अनुसार, जुलूस में कम से कम 2,000 लोगों ने भाग लिया।हजारों लोगों ने इस्राइल की आक्रामकता की निंदा में मार्च निकालाइस्लामिक काउंसिल ऑफ विक्टोरिया के अनुसार, जिसने फिलिस्तीनियों की मुक्ति के प्रतिरोध का समर्थन किया, प्रतिभागियों की संख्या 3,000 से अधिक थी, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
प्रतिभागियों ने कहा कि फिलिस्तीनी अपनी आज़ादी के लिए लड़ रहे हैं, वे अपना बचाव कर रहे हैं, दुनिया को इसराइल से बाहर निकालने में दुनिया की मदद करना उनका अधिकार है।और पहले की तरह इस क्षेत्र का भौगोलिक और राजनीतिक नक्शा बनाने की कोशिश करें, इमाम जुमा मेलबर्न ने कहा।
मौलाना ने जब अपना भाषण शुरू किया तो उनकी बातों ने लोगों के उत्साह और जोश को बढ़ा दिया कि अब तक सभी उत्पीड़ित फ़िलिस्तीन समर्थक गैर-ज़िम्मेदार लगते हैं।
गैर-जिम्मेदार और विश्वासघाती मीडिया देखिए ये फिलिस्तीन नहीं ऑस्ट्रेलिया है।
लेकिन ऐसा लगता है कि यह फ़िलिस्तीन है और हर कोई नारे लगा रहा था कि हम सब फ़िलिस्तीनी हैं।मौलाना ने कहा कि ज़ुल्म के ख़िलाफ़ खड़े होने के लिए मुसलमान होना ज़रूरी नहीं है।इंसान होना ज़रूरी हैं।