हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक अली असगर दिवस के अवसर पर अजादारी अपनी तरह का एक अनूठी अजादारी है, जो विश्व स्तर पर एक ही दिन और एक ही समय में 20 वर्षों से आयोजित किया जाता है।
मुहर्रम के महीने के पहले शुक्रवार को मनाई जाने वाली यह अजादारी अपनी अनूठी विशेषता के कारण अंतरराष्ट्रीय मीडिया और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के ध्यान का केंद्र बन गया है।
हज़रत अली असगर का अंतर्राष्ट्रीय दिवस आयोजित किया गया है और ईरान के अलावा भारत, पाकिस्तान, बहरैन, इराक, सऊदी अरब, तुर्की, अफगानिस्तान सहित दुनिया के 45 देशों में आयोजित किया जा रहा है।
अली (एएस) के सार्वभौमिक शोक के बारे में एक बहुत ही अनोखी और खास बात यह है कि इसमें माताएं अपने शिशुओं और छोटे बच्चों को हज़रत अली असगर से मनसूब कपड़े पहनकर मजलिस मे लाती हैं और अपने बच्चों को इमाम जमाना की मदद के लिए उनकी हिफाजत मे देती हैं और इस बात का वचन देती है कि इमामे जमाने के ज़हूर के समय उनका बेटा आपका सिपाही बन कर उनका साथ देगा।
अज़ादारी किसी विशेष धर्म, पार्टी, संगठन या संस्था का एकाधिकार नहीं है, बल्कि कर्बला एक वैश्विक स्कूल है, और सभी मानवता को सैय्यद अल-शोहदा की अजादारी करने का अधिकार है। इसलिए, हजरत अली असगर के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर, मां और बहनें धर्म की सीमाओं से परे जाकर हजरत अली असगर की बारगाह में उपस्थित होती हैं।