۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
मौलाना कर्रार ख़ान ग़दीरी

हौज़ा /  नन्हे अली असगर ने यज़ीद की सेना को रुला दिया, उनकी शहादत आज भी मानवता को जगाने का काम कर रही है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इंदौर की शिया जामा मस्जिद मे अशरा ए मोर्हरम 1444 हिजरी की मजलिस को संबोधित करते हुए हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना कर्रार ख़ान ग़दीरी ने कहा कि मुहर्रम के पहले शुक्रवार को मौला इमाम हुसैन (अ.स.) के छह महीने के सिपाही की याद में है जिसने इमामे वक़्त की हल मिन की आवाज़ सुनकर खुद को झूले से गिरा दिया था। अली असगर, जिसे इमाम हुसैन अपने हाथों पर कर्बला के मैदान में ले गए, ने यज़ीद की सेना को रुला दिया।

उन्होंने अपील की और कहा कि मैं अपनी माताओं, बहनों और बेटियों से अनुरोध करूंगा कि वे अपने छोटे बच्चों को अली असगर के अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर शोक मनाएं, हरे रंग के कपड़े पहनाएं और अली असगर के नाम पर उनके सिर पर हरी पट्टी लगाएं और कर्बला की अजादारी को बढ़ावा दें। जनाबे सईदा को सर्वश्रेष्ठ पुर्सा पेश करे । आज की माताएँ भी अपने बच्चों को अजादार बनाती हैं और अजादारो की सेवा करती हैं।

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