۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
रोजे आशूरा

हौज़ा / इमाम रज़ा (अ) ने एक रिवायत में मुहर्रम के महीने में आशूरा के दिन रोने और ग़मो अनदोह का अज्र बताया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित कथन "मिज़ानुल-हिक्मा" पुस्तक से लिया गया है। इस कथा का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الرضا علیہ السلام:

مَن كانَ يَومُ عاشوراءَ يَومَ مُصيبَتِهِ و حُزنِهِ و بُكائِهِ ، يَجعَلُ اللّه ُ يَومَ القيامَةِ يَومَ فرحِهِ و سُرورِهِ

हज़रत इमाम रज़ा (अ) ने फरमायाः

जिसके लिए, आशूरा का दिन परेशानी, दुख और रोने का दिन हो, तो खुदावंदे आलम उसके लिए पुनरुत्थान (क़यामत) के दिन को खुशी और मुसर्रत का दिन बना देगा।

मीज़ानुल हिक्मा, हदीस 13011

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