शुक्रवार 20 अगस्त 2021 - 18:05
आशूर के दिन ग़िरया और ग़म का अज़्र

हौज़ा/हज़रत इमाम रज़ा अ.स. ने एक रिवायत में माहे मोहर्रम में आशूर के दिन रोना गिरया और ग़म मनाने की ओर इशारा किए हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " मिज़ानुल हिकमत" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:


قال الامام الرضا علیہ السلام

مَن كانَ يَومُ عاشوراءَ يَومَ مُصيبَتِهِ و حُزنِهِ و بُكائِهِ ، يَجعَلُ اللّه ُ يَومَ القيامَةِ يَومَ فرحِهِ و سُرورِهِ


हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने फरमाया:


जिसके लिए आशूर का दिन मुसीबत,ग़म,और हुज़्न और गिरिया का दिन हो तो अल्लाह तआला उसके लिए कियामत के दिन को खुशी और मुसर्रत का दिन बना देगा,
मिज़ानुल हिकमत,हदीस नं.13011

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha