शुक्रवार 26 अगस्त 2022 - 08:46
हाल ही में आई बाढ़ को देखते हुए मराजा ए एज़ाम के इजाज़े सामने आ गए

हौज़ा / हाल ही मे आई बाढ़ को देखते हुए, शिया राष्ट्र के सर्वोच्च नेता, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली खामेनेई, आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली हुसैनी सिस्तानी  और आयतुल्लाहिल उज्मा हाफिज बशीर हुसैन नजफी ने बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए खुम्स; सहम-ए-इमाम के उपयोग को लेकर फतवे सामने आए हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही मे आई बाढ़ को देखते हुए, शिया राष्ट्र के सर्वोच्च नेता, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली खामेनेई, आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली हुसैनी सिस्तानी  और आयतुल्लाहिल उज्मा हाफिज बशीर हुसैन नजफी ने बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए खुम्स; सहम-ए-इमाम के उपयोग को लेकर फतवे सामने आए हैं।  जिसमें उन्होंने अपने अनुयायिओं को सहमे इमाम को शिया विश्वासियों पर खर्च करने की अनुमति दी है।

गौरतलब है कि खुम्स के दो हिस्से हैं सहम-ए-इमाम और सहम-ए-सादत। आप अपनी पसंद के किसी भी योग्य शिया सैय्यद को सहम-ए-सादात दे सकते हैं और सहम-ए-इमाम को फ़क़ीह या उसके नियुक्त वकील तक पहुँचाना आवश्यक है, लेकिन अब उपरोक्त मरजा-ए-आज़म ने निम्नलिखित स्पष्टीकरण के साथ शिया विश्वासियों को इसके इस्तेमाल की अनुमति दे दी है:

आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली खामेनेई (हफ़ाज़ा उल अल्लाह):

आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली खामेनेई के अनुयायी (मुक़ल्लेदीन) सहम ए इमाम का आधा हिस्सा अर्थात 50 प्रतिशत सहम ए इमाम बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए दान कर सकते हैं।

हाल ही में आई बाढ़ को देखते हुए मराजा ए एज़ाम के इजाज़े सामने आ गए

आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी (हफ़ाज़ा उल अल्लाह):

हाल ही में आई बाढ़ को देखते हुए अगर कही सय्यद मोमेनीन है तो सय्यद सिस्तानी हफ़ज़ा उल अल्लाह के अनुसार आप उनका पूरा हिस्सा अर्थात 100 प्रतिशत सहम ए इमाम उन तक पहुंचा दे और यदि बाढ़ से प्रभावित गैर सय्यद मोमेनीन हों तो सय्यद सिस्तानी के अनुयायी सहम ए इमाम मे से दो- तिहाई 2/3 हिस्सा दे सकते हैं।

हाल ही में आई बाढ़ को देखते हुए मराजा ए एज़ाम के इजाज़े सामने आ गए

आयतुल्लाहिल उज़्मा शेख बशीर हुसैन नजफी (हफ़ाज़ा उल अल्लाह):

आयतुल्लाहिल उज़्मा शेख बशीर हुसैन नजफी के अनुयायी दो महीने तक पूरे हक़ूके शरिया मे जो कुछ भी हो बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए खर्च कर सकते हैं।

हाल ही में आई बाढ़ को देखते हुए मराजा ए एज़ाम के इजाज़े सामने आ गए

सभी विश्वासियों से अनुरोध है कि वे आगे बढ़ें और इन बाढ़ प्रभावित विश्वासियों की अपने ख़ुम्स मे से मदद करें। निश्चित रूप से यह सबसे अच्छा मसरफ है।

जज़ाकुमुल्लाहो ख़ैरा

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