۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
ख़ुम्स

हौज़ा / भारत मे हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सिस्तानी दामा ज़िल्लोह के वकील मुतलक़ हज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन सैयद अहमद अली आबिदी ने ख़ुम्स के इजाज़े के संबंध में आयतुल्लाह सिस्तानी के कार्यालय से इस्तिफ़्ता (सवाल) किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत मे हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सिस्तानी दामा ज़िल्लोह के वकील मुतलक़ हज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन सैयद अहमद अली आबिदी ने ख़ुम्स के इजाज़े के संबंध में आयतुल्लाह सिस्तानी के कार्यालय से इस्तिफ़्ता (सवाल) किया है। जिसे मोमेनीन की सेवा मे पेश किया जा रहा है।

मरजा तकलीद हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली सिस्तानी दामा ज़िल्लोहुल आली 

सलामुन अलैकुम वा रहमातुल्लाह वबराकतोह

मैं आपको रज्जब के धन्य महीने की बधाई देता हूं। अल्लाह हम सभी को इस दुनिया में और उसके बाद अमीरुल मोमिनीन अली बिन अबी तालिब (स) और अहले-बैत (अ) की ज़ियारत नसीब फऱमाए। और आपकी छत्र छाया हमारे सिर पर हमेशा बनी रहे।

गुज़ारिश है कि जिन लोगों और जिन संस्थाओं को आपकी तरफ़ से 50 प्रतिशत सहमे इमाम खर्च करने की इजाज़त है, क्या वो दूसरों को सहमे इमाम ख़र्च करने की इजाज़त दे सकते हैं? भारत में जिनके पास अनुमति (इजाज़े) है वे दूसरों को सहमे इमाम खर्च करने का इजाज़ा दे रहे हैं।

जवाब:

बेइस्मेही ताला: दूसरों को सहमे इमाम खर्च करने का इजाज़ा नहीं दे सकते, मगर यह कि उनके इजाज़े मे इस अधिकार (दूसरो को इजज़ा देने) का स्पष्ट उल्लेख न हो।

यदि कोई इस तरह का इजाज़ा जारी कर रहा है, तो क्या वह आपके नदज़ीक स्वीकार्य है?

उत्तर: स्वीकार नहीं किया।

जिन लोगों ने इस तरह के इजाज़े पर सहमे इमाम दिया है, क्या वह व्यक्ति बरी उज़्ज़िम्मा हो जाएगा।

उत्तर: बरी उज़्ज़िम्मा नही होगा।

वो व्यक्ति जो कुम अल-मुक़द्देसा या नजफ अशरफ में आपके कार्यालय द्वारा वकालत या इजाज़े का दावा करते हैं, लेकिन इस संबंध में कोई सबूत या दस्तावेज पेश नहीं करते हैं, क्या ऐसे व्यक्ति सहमे इमाम खर्च करने के लिए दूसरों को इजाज़ा दे सकते हैं, और अपनी ओर से रसीद जारी कर सकते हैं?

उत्तर: यदि कोई लिखित इजाज़ा नहीं दिखाए तो उस पर विश्वास न करें।

ऐसे व्यक्तियों के इजाज़े का क्या हुक्म है? और जिन मोमिनों ने ऐसे लोगों को खुम्स दिया है, क्या वो बरी उज़्ज़िम्मा हो जाएगें?

जवाब: ऐसे लोगों के इजाज़े की कोई हैसियत नहीं है और मोमिन जो इन लोगों को ख़ुम्स देते हैं वो बरी उज़्ज़िम्मा नही होंगें।

वस सलामो अलैकुम वा रहमातुल्लाहे वा बराकातोह

25 शाबान 1444 हिजरी

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