۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
सय्यद हुसैनी

हौजा/कशान में वली फकीह के प्रतिनिधि ने मस्जिदों में युवा पीढ़ी पर ध्यान देने पर जोर दिया और कहा: हम मस्जिद में अधेड़ और बूढ़े लोगों की उपस्थिति के खिलाफ नहीं हैं, सभी विश्वासियों को मस्जिद में आना चाहिए, लेकिन युवाओं को मस्जिद की ओर अधिक आकर्षित होना चाहिए।

हौज़ा न्‍यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सय्यद सईद हुसैनी ने काशान शहर में मस्जिदों के सेवकों के महासम्मेलन में कहा: पैगंबर (स.अ) ने कहा: "आख़ेरुज़ जमान की मस्जिदें आबाद और सुंदर होगी, लेकिन मार्गदर्शन से वीरान होगी।" इसलिए, मार्गदर्शन के संदर्भ में, मस्जिदों को उजाड़ और नष्ट नहीं किया जाना चाहिए, साथ ही कुरान की आयतों का पाठ, कुरान की व्याख्या और मस्जिदों में शिक्षा को भी शामिल किया जाना चाहिए।

उन्होंने इमामे जमात और मस्जिदों के बोर्ड ऑप ट्रस्टीज की जिम्मेदारियों को इस्लाम के पैगंबर की जिम्मेदारी के रूप में वर्णित किया और कहा: कुरान, नहज-उल-बालागा और सहीफा ए सज्जादिया का पाठ और व्याख्या सभी मस्जिदों का फोकस होना चाहिए।

हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन हुसैनी ने आयतुल्लाह ख़ामेनई के उस बयान का जिक्र करते हुए कहा कि केवल सहीफा ए सज्जादिया ही समाज को सुधार सकती हैं, उन्होंने कहा: मस्जिदों में नहज-उल-बालाघा और सहीफा ए सज्जादिया को पढ़ने के लिए समय निकालें।

उन्होंने कहा कि मस्जिदों में एक स्पष्ट दृष्टि होनी चाहिए, और यह प्रार्थना हर होठों पर होनी चाहिए कि क्रांति के मसीहा इमाम महदी के ज़हूर तक अल्लाह आयतुल्लाह ख़ामेनई की रक्षा करें। और इसी दुआ का अम्र बिल मारूफ का केंद्र बनाए। अमेरिका पर लानत भेजना मस्जिदों में तवल्ला और तबरा का भी संकेत होना चाहिए।

काशान में वली फकीह के प्रतिनिधि ने मस्जिदों में युवा पीढ़ी पर ध्यान देने पर जोर दिया और कहा: हम मस्जिद में अधेड़ और बूढ़े लोगों की उपस्थिति के खिलाफ नहीं हैं, सभी विश्वासियों को मस्जिद में आना चाहिए । लेकिन युवाओं को मस्जिद की ओर अधिक आकर्षित होना चाहिए।

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