۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
रहबर

हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,हर ज़माने में हक़ और मज़लूम के साथ कम खड़े होते हुए लोग नज़र आए और वही ज़ालिम के साथ बड़ी संख्या में लोग दिखाई दिए मगर ज़ुल्म के साथ उनका नामो निशान मिट गया

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,इस्लामी जुमहूरिया का परचम इंसाफ़ और रूहानियत का परचम हैं।


स्वाभाविक है कि इस दुनिया में जिसका मेज़ाज ‎ज़ुल्म व ज़्यादती और जिसकी सोच दुनिया परस्ती है, जब आप इंसाफ़ और रूहानियत का परचम बुलंद करेंगे तो ‎आपका विरोध होगा। ‎
हर ज़माने में हक़ और मज़लूम के साथ कम खड़े होते हुए लोग नज़र आए और वही ज़ालिम के साथ बड़ी संख्या में लोग दिखाई दिए मगर ज़ुल्म के साथ उनका नामो निशान मिट गया
इमाम ख़ामेनेई,

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