۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
अ.ल.

हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,आज इंसान का दिमाग़ यह जानने, समझने और मानने के लिए तैयार है कि एक असाधारण इंसान आएगा और इंसानियत को ज़ुल्म व सितम से मुक्ति दिलाएगा

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,आज इंसान का दिमाग़ यह जानने, समझने और मानने के लिए तैयार है कि एक असाधारण इंसान आएगा और इंसानियत को ज़ुल्म व सितम से मुक्ति दिलाएगा


यह वही चीज़ है जिसके लिए सभी पैग़म्बरों ने कोशिश की है, यह वही चीज़ है जिसका वादा पैग़म्बरे अकरम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम के माध्यम से क़ुरआने मजीद की आयत में किया गया हैं और वह उन पर से भारी बोझ उतारता और बंदिशें खोलता है। (सूरए आराफ़, आयत 157)


अल्लाह तआला का दस्ते क़ुदरत एक आसमानी इंसान एक ख़ुदाई इंसान, ग़ैब की दुनिया, रूहानियत की दुनिया और उन दुनियाओं से जुड़ा हुआ इंसान, जो हम जैसी सीमित सोच वाले इंसानों के लिए समझ से परे हैं, इंसानियत की इस मनोकामना को पूरा कर सकता हैं इसी लिए दिल, इश्क़ और चाहत उसी मरकज़ की तरफ़ केंद्रित है और दिन ब दिन अधिक केंद्रित होती जा रही है।

इमाम ख़ामेनेई,

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