हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने फरमाया,मैंने कई बार यह बात कही है कि मानवता ने इन पिछली सदियों के दौरान पैगम्बरों की शिक्षाओं के प्रभाव में जो किया है वह वास्तव में उस हाईवे की तरफ़ बढ़ने की कोशिश हैं।
जो इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम के ज़ुहूर के ज़माने में मानवता को उच्च लक्ष्यों की ओर ले जाएगा
इसकी मिसाल ऐसी है कि इंसानों का एक कारवां सख़्त राहों, कठिन मोड़ों, पहाड़ों, वादियों, दलदलों, काँटों और डाकुओं से भरे रास्तों से कुछ ख़ास हस्तियों की शिक्षाओं और निर्देशनों के सहारे आगे बढ़ रहा हैं।
कि किसी तरह ख़ुद को उस हाईवे तक पहुँचा दे जब यह कारवां हाईवे पर पहुंच जाएगा तो फिर रास्ता बिलकुल सीधा और साफ़ होगा और उस पर आगे बढ़ना आसान होगा।
कारवां निश्चिंत हो कर इस हाईवे पर अपना सफ़र जारी रख सकता है। ऐसा नहीं है कि हाईवे पहुँच जाने के बाद सफ़र ख़त्म हो जाएगा, जी नहीं, इस चरण में पहुंचने के बाद ही तो अल्लाह के उच्च लक्ष्यों की तरफ़ तेज़ रफ़्तार से सफ़र शुरू होने वाला है।
इमाम ख़ामेनेई,