۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा/अगर नमाज़े जमाअत की कोई लाइन इतनी लंबी हो जाए कि इमामे जमाअत या सामने वाली लाइन (सफ़) नज़र न आए क्या ऐसी हालत में लाइनों के बीच इत्तेसाल बाक़ी रहता है?

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं।जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल : अगर नमाज़े जमाअत की कोई लाइन इतनी लंबी हो जाए कि इमामे जमाअत या सामने वाली लाइन (सफ़) नज़र न आए क्या ऐसी हालत में लाइनों के बीच इत्तेसाल बाक़ी रहता है?

जवाब : इस जमाअत की लाइन में इत्तेसाल बरक़रार है।

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