हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस रिवायत को "सवाब अलअमाल" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
یا أَبَا هَارُونَ إِنَّا نَأْمُرُ صِبْیَانَنَا بِتَسْبِیحِ اَلزَّهْرَاءِ عَلَیْهَا السَّلاَمُ کَمَا نَأْمُرُهُمْ بِالصَّلاَةِ فَالْزَمْهُ فَإِنَّهُ لَمْ یَلْزَمْهُ عَبْدٌ فَیَشْقَى.
हज़रत इमाम जफार सादीक अ.स.ने फरमाया:
ए हारून! हम अपने बच्चों को जिस तरह नमाज़ का हुक्म देते हैं इसी तरह हज़रत फातिमा ज़हरा स.ल. की तस्बीह पढ़ने का भी हुक्म देते हैं, इसलिए इस ज़िक्र को बार-बार पढ़ो क्योंकि जो भी इस पर कायम रहेगा कभी ना खुश नहीं होगा,
सवाब अलअमाल,भाग 1,पेंज 315