हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "काफी" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الباقر علیه السلام
لو أنّ الإمامَ رُفِعَ مِنَ الأرضِ ساعةً لَماجَتْ بأهْلِها كَما يَمُوجُ البَحْرُ بأهلِهِ
हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अलैहिस्सलाम ने फरमाया है:
अगर ज़मीन से एक लम्हे के लिए भी इमाम के वजूद को उठा लिया जाए तो ज़मीन अपने रहने वालों को इस तरह उलट पलट देगी जिस तरह समंदर की लहरें अपने सकेनीन को पटख देती हैं।
अलकाफी,भाग 1,पेज 179