हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस मजलिस में इस्लामी इन्क़ेलाब के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई भी शरीक हुए मजलिस को हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन रफ़ीई ने ख़िताब किया।
उन्होंने इबादत तरबियत, जेहाद, मेहरबानी, त्याग, इल्म और सादा जीवन को हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की ख़ुसूसियतों में गिनवाया और कहा कि इंसानी दुनिया की इस अज़ीम हस्ती और उनके घरवालों से यह सबक़ हासिल करना चाहिए कि जवानी के आलम में भी फ़ज़ाएल और अज़मत का इस तरह से मरकज़ बना जा सकता है कि जिसकी तुलना सिर्फ़ पैग़म्बरों और इमामों से की जा सके।
इस मजलिस में जनाब महदी रसूली ने हज़रत फ़ातेमा ज़हरा के मसाएब बयान किए और नौहा व मर्सिया पढ़ा।
क़ाबिले ज़िक्र है कि कोरोना की बीमारी में कमी आने के बावजूद, हेल्थ प्रोटोकॉल के मद्देनज़र, तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयोजित होने वाले इस प्रोग्राम में, बड़ी तादाद में लोगों की शिरक़त मुमकिन नहीं है, बल्कि शहीदों के सम्मानीय फ़ैमिली मेम्बर्स सहित सीमित तादाद में लोग शरीक हो रहे हैं।