۳۰ اردیبهشت ۱۴۰۳ |۱۱ ذیقعدهٔ ۱۴۴۵ | May 19, 2024
हुसैनी

हौज़ा/अय्यामें फातेमीया की मजलिस को खिताब फरमाते हुए मौलाना ने पढ़ा,18 साल की उम्र में बीवी ने वह सीरत पेश की वह सारी औरतों के लिए एक महान आइडियल बन गई

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,शाहगंज,हज़रत मोहम्मद साहब की इक लौती बेटी हज़रत फातिमा ज़हरा की शहादत की याद में मकतबे फातिमी भादी ख़ास शाहगंज की जानिब से मस्जिद औलाद हुसैन में 24 दिसंबर से आयोजन किया गया है 30 दिसंबर तक चलेगी रात्रि में सात बजे शुरू होती है

मजलिस में हिन्दुस्तान के मशहूर ओलमा तशरीफ़ लाते हैं जिसकी पांचवें दिन की मजलिस को मुज़फ्फ़रनगर से आए मौलाना सैय्यद मोहम्मद हुसैन हुसैनी साहब ने फातिमा ज़हरा की ज़िंदगी पर रौशनी डाली

हज़रत फातिमा की कुल उम्र 18 वर्ष ज़िन्दा रहीं लेकिन हयात में जो ज़िंदगी गुज़ारी वो सारी आलमें निसवं के लिए एक नमून ए अम्ल है रसूल अपनी बेटी की ताज़ीम में खड़े हो जाते थे बादे शहादते पैग़म्बर सैयदा पर जलता हुआ दरवाज़ा गिराया गया मोहसिन शहीद हो गया

ज़ुल्म बढ़ता गया ये सारे मसायब सुनकर लोगों की आंखें नम हो गई या फातिमा या फातिमा की सदा बुलन्द हो गई लोग ज़ारो क़तार रोने लगे। मजलिस की शुरुआत तिलावते कलामे पाक से हुई इशतेयाक हुसैन व हमनवां ने मर्सिया पेश किया संचालन हुसैन अब्बास खान ने हसीन भादवी, शारिब जाफरी ने कलाम पेश किया
इस मजलिस में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए

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