۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
समाचार कोड: 385095
25 जनवरी 2023 - 07:08
मौलाना मीसम नकवी

हौज़ा / बुज़ुर्ग पादरी अपनी शानो शोकत के साथ जलसे मे आ गया और जलसे के बीच मे एक बड़ी कुर्सी पर बैठ गया और चारो तरफ निगाह दौड़ाने लगा तभी उसकी नज़र लोगो के बीच बैठे हुऐ इमाम (अ.स) पर पड़ी कि जिनका नूरानी चेहरा उनकी बड़ी शख्सीयत की गवाही दे रहा था उसी वक्त उस पादरी ने इमाम (अ.स )से पूछा कि हम ईसाईयो मे से हो या मुसलमानो मे से?????

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

लेखक: सैय्यद मौहम्मद मीसम नक़वी

एक बार इमाम बाक़िर (अ.स.) ने अमवी बादशाह हश्शाम बिन अब्दुल मलिक के हुक्म पर अनचाहे तौर पर शाम का सफर किया और वहा से वापस लौटते वक्त रास्ते मे एक जगह लोगो को जमा देखा और जब आपने उनके बारे मे मालूम किया तो पता चला कि ये लोग ईसाई है कि जो हर साल यहाँ पर इस जलसे मे जमा होकर अपने बड़े पादरी से सवाल जवाब करते है ताकि अपनी इल्मी मुश्किलात को हल कर सके ये सुन कर इमाम बाकिर (अ.स) भी उस मजमे मे तशरीफ ले गऐ।

थोड़ा ही वक्त गुज़रा था कि वो बुज़ुर्ग पादरी अपनी शानो शोकत के साथ जलसे मे आ गया और जलसे के बीच मे एक बड़ी कुर्सी पर बैठ गया और चारो तरफ निगाह दौड़ाने लगा तभी उसकी नज़र लोगो के बीच बैठे हुऐ इमाम (अ.स) पर पड़ी कि जिनका नूरानी चेहरा उनकी बड़ी शख्सीयत की गवाही दे रहा था उसी वक्त उस पादरी ने इमाम (अ.स )से पूछा कि हम ईसाईयो मे से हो या मुसलमानो मे से?????

इमाम (अ.स) ने जवाब दियाः मुसलमानो मे से।

पादरी ने फिर सवाल कियाः आलिमो मे से हो या जाहिलो मे से?????

इमाम (अ.स) ने जवाब दियाः जाहिलो मे से नही हुँ।

पादरी ने कहा कि मैं सवाल करूँ या आप सवाल करेंगे?????

इमाम (अ.स) ने फरमाया कि अगर चाहे तो आप सवाल करें।

पादरी ने सवाल कियाः तुम मुसलमान किस दलील से कहते हो कि जन्नत मे लोग खाऐंगे-पियेंगे लेकिन पैशाब-पैखाना नही करेंगे? क्या इस दुनिया मे इसकी कोई दलील है?

इमाम (अ.स) ने फरमायाः हाँ, इसकी दलील माँ के पेट मे मौजूद बच्चा है कि जो अपना रिज़्क़ तो हासिल करता है लेकिन पेशाब-पेखाना नही करता।

पादरी ने कहाः ताज्जुब है आपने तो कहा था कि आलिमो मे से नही हो।

इमाम (अ.स) ने फरमायाः मैने ऐसा नही कहा था बल्कि मैने कहा था कि जाहिलो मे से नही हुँ।

उसके बाद पादरी ने कहाः एक और सवाल है।

इमाम (अ.स) ने फरमायाः बिस्मिल्लाह, सवाल करे।

पादरी ने सवाल कियाः किस दलील से कहते हो कि लोग जन्नत की नेमतो फल वग़ैरा को इस्तेमाल करेंगें लेकिन वो कम नही होगी और पहले जैसी हालत पर ही बाक़ी रहेंगे।

क्या इसकी कोई दलील है?

इमाम (अ.स) ने फरमायाः बेशक इस दुनिया मे इसका बेहतरीन नमूना और मिसाल चिराग़ की लौ और रोशनी है कि तुम एक चिराग़ से हज़ारो चिराग़ जला सकते हो और पहला चिराग़ पहले की तरह रोशन रहेगा ओर उसमे कोई कमी नही होगी।

पादरी की नज़र मे जितने भी मुश्किल सवाल थें सबके सब इमाम (अ.स) से पूछ डाले और उनके बेहतरीन जवाब इमाम (अ.स) से हासिल किये और जब वो अपनी कम इल्मी से परेशान हो गया तो बहुत गुस्से आकर कहने लगाः

ऐ लोगों एक बड़े आलिम को कि जिसकी मज़हबी जानकारी और मालूमात मुझ से ज़्यादा है यहा ले आऐ हो ताकि मुझे ज़लील करो और मुसलमान जान लें कि उनके रहबर और इमाम हमसे बेहतर और आलिम हैं।

खुदा कि क़सम फिर कभी तुमसे बात नही करुगां और अगर अगले साल तक ज़िन्दा रहा तो मुझे अपने दरमियान (इस जलसे) मे नही देखोंगे।

इस बात को कह कर वो अपनी जगह से खड़ा हुआ और बाहर चला गया।

 
 

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