हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को कहा कि मुसलमान का मतलब अपने आपको अल्लाह तआला के हवाले करना हैं इसलिए हमें पूरी तरह शरीअत पर अमल करना हैं।
इसके साथ ही बोर्ड ने सरकार से अनुरोध किया है कि देश के संविधान में हर शहरी को अपने धर्म पर अमल करने की आजादी है, इसलिए वह आम नागरिकों की मजहबी आजादी का एहतराम करते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड समान नागरिक संहिता का इरादा छोड़ दे।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैय्यद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में नदवातुल उलेमा लखनऊ में बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पारित कर मुसलमानों से यह आह्वान किया गया
बैठक के बाद बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफ उल्लाह रहमानी की ओर से जारी बयान में कहा गया बोर्ड की यह बैठक मुसलमानों को यह याद दिलाती है कि मुसलमान का मतलब अपने आपको अल्लाह के हवाले करना है इसलिए हमें पूरी तरह शरीअत पर अमल करना हैं।
पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि मुल्क में नफरत का जहर फैलाया जा रहा है और उसे सियासी लड़ाई का हथियार बनाया जा रहा है, यह मुल्क के लिए नुकसानदेह है अगर भाईचारा खत्म हो गया तो मुल्क का इत्तेहाद पार हो जाएगा. बोर्ड ने कहा, अगर नफरत के जहर को नहीं रोका गया तो ये आग ज्वालामुखी बन जाएगी और मुल्क की तहजीब, उसकी नेकनामी, इसकी तरक्की और इसकी नैतिकता सब को जलाकर रख देगी.
समाचार कोड: 385232
7 फ़रवरी 2023 - 19:37
हौज़ा/आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में कहा गया कि सरकार आम नागरिकों की मज़हबी आजादी का भी एहतराम करे,और मुल्क में फैलते हुए नफरती बयान से रोके