हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
اَللّـهُمَّ قَرِّبْني فيهِ اِلى مَرْضاتِكَ، وَجَنِّبْني فيهِ مِنْ سَخَطِكَ وَنَقِماتِكَ، وَوَفِّقْني فيهِ لِقِرآءَةِ ايـاتِكَ بِرَحْمَتِكَ يا اَرْحَمَ الرّاحِمينَ .
मेरे अल्लाह! आज के दिन मुझे अपनी रज़ाओं के क़रीब करदे आज के दिन मुझे अपनी नाराज़गी और अपनी सज़ाओं से बचाये रख और आज के दिन मुझे अपनी आयतों को पढ़ने की तौफ़ीक़ दे अपनी रहमत से ऐ सबसे ज़्यादा रहम करने वाले।