हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।हज़रत मुहम्मदे मुस्तफ़ा स.ल.व.व. ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
اَللّٰهُمَّ حَبِّبْ إِلَیَّ فِیهِ الْاِحْسانَ وَكَرِّہْ إِلَیَّ فِیهِ الْفُسُوقَ وَالْعِصْیانَ وَحَرِّمْ عَلَیَّ فِیهِ السَّخَطَ وَالنِّیرانَ، بِعَوْ نِكَ یَا غِیاثَ الْمُسْتَغِیثِین.
मेरे अल्लाह! आज के दिन नेक़ी को मेरे लिए पसंदीदा फ़रमा,उसमें ग़ुनाह व ना फरमानी को मेरे लिए ना पसंदीदा बना दें। और उसमें ग़ैज़ व गज़ब को मुझ पर हराम क़रार दे, अपनी हिमायत के साथ ऐ फरियादियों के फरियाद रस।