۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
इमामे सज्जाद

हौज़ा / इमाम मुहम्मद बाकिर (अ.स.) फ़रमाते हैं: "मेरे पिता ने मुझे इस दुनिया से जाने के समय अपने सीने से लगा लिया और कहा: मैं तुम्हें वह वसीयत करता हूं जोकि मेरे पिता ने अपनी शहादत के समय मुझे नसीहत की थी और वह नसीहत यह है कि हक के मार्ग में धैर्य और दृढ़ता के साथ काम लो, भले ही हक़ कड़वा हो।"

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 12 मुहर्रम अल-हराम (एक रिवायत के अनुसार) हजरत इमाम सज्जाद (अ.स.) की शहादत का दिन है। इसी मुनासबत से हौज़ा न्यूज़ एजेंसी को उनकी अंतिम वसीयत प्रकाशित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

इमाम मुहम्मद बाकिर (अ.स.) फ़रमाते हैं: "मेरे पिता ने मुझे इस दुनिया से जाने के समय अपने सीने से लगा लिया और कहा: मैं तुम्हें वह वसीयत करता हूं जोकि मेरे पिता ने अपनी शहादत के समय मुझे नसीहत की थी और वह नसीहत यह है कि हक के मार्ग में धैर्य और दृढ़ता के साथ काम लो, भले ही हक़ कड़वा हो।" (वसाइल अल-शिया, भाग 11, पेज 187)

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