हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलकाफी,,पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه وآله وسلم
لا تَطلُبوا عَثَراتِ المؤمنينَ؛ فإنّ مَـن تَتَبّعَ عَثَراتِ أخيهِ تَتَبّعَ اللّهُ عَثَراتِهِ، و مَن تَتَبّعَ اللّهُ عَثَراتِهِ يَفْضَحْهُ و لو في جَوفِ بَيتِهِـن تَتَبّعَ عَثَراتِ أخيهِ تَتَبّعَ اللّهُ عَثَراتِهِ، و مَن تَتَبّعَ اللّهُ عَثَراتِهِ يَفْضَحْهُ و لو في جَوفِ بَيتِهِ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
मुसलमानों के दोष और गलतियों की तलाश में मत रहो क्योंकि जो भी अपने मुसलमान भाई की गलतियों की तलाश में रहेगा तो अल्लाह ताला भी
इसके दोष से पर्दा उठा देगा और जिसकी खात, गलतियों से अल्लाह ताला पर्दा उठा देगा उसे ज़लील और उर्सवा कर देगा चाहे वह अपने घर के अंदर ही क्यों ना हो,
अलकाफी,5/355/2
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