हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "काफी" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
لا يَنْبَغى لِلْمَراَةِ اَنْ تُجَمِّرَ ثَوْبَها اِذا خَرَجَتْ مِنْ بَيْتِها؛
हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
जब एक मुसलमान औरत अपने घर से बाहर आए तो इसे अपने लिबास को दूसरों का ध्यान आकर्षित करने का ज़रिया नहीं बनाना चाहिए।
काफी:भाग 5,पेंज 519,हदीस नं 3