हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "दानिसनामे कुरआन व हदीस, पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه وآله وسلم
خِيَرَةُ اللّهِ مِنَ الشُّهورِ شَهرُ رَجَبٍ، و هُوَ شَهرُ اللّهِ ، مَن عَظَّمَ شَهرَ رَجَبٍ فَقَد عَظَّمَ أمرَ اللّهِ ، و مَن عَظَّمَ أمرَ اللّهِ أدخَلَهُ جَنّاتِ النَّعيمِ، و أَوجَبَ لَهُ رِضوانَهُ الأَكبَرَ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
रजब का महीना तमाम महीनों के दरमियान अल्लाह ताला का चुना हुआ महीना है और वह अल्लाह का महीना है जो माहे रजब का सम्मान करेगा तो उसने अल्लाह ताला के हुक्म का सम्मान किया और जो अल्लाह ताला के फरमान का सम्मान करेगा,तो अल्लाह ताला इसे नेमतों से भरी जन्नत में दाखिल करेगा और अपनी सबसे बड़ी खुशनूदी इसके लिए वाजिब करेगा,
दानिसनामे कुरआन व हदीस,भाग,12,पेंज 500