हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,स्वीडन के विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक हस्तक्षेपकारी बयान जारी करते हुए ईरान में ज़ायोनिस्ट शासन की खुफिया एजेंसी "मोसाद" के साथ जासूसी और सहयोग के आरोपी अहमदरेज़ा जलाली की मौत की सजा पर अमल न करने की मांग की है।
स्वीडन के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है,स्वीडन यह चाहता है कि अहमदरेज़ा जलाली की मौत की सजा लागू न की जाए! बयान में आगे कहा गया है,हमने यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के साथ मिलकर इस मामले पर बार-बार विरोध दर्ज कराया है।
इसके अलावा बयान में यह भी उल्लेख किया गया है,उनकी मौत की सजा की पुष्टि को देखते हुए हमने स्वीडन में ईरान के राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब किया है।
गौरतलब है कि अहमदरेज़ा जलाली जो स्वीडन में रहने वाले एक ईरानी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैं को मई 2016 (ईरानी कैलेंडर के अनुसार, اردیبهشت ۱۳۹۵) में ज़ायोनिस्ट शासन की खुफिया एजेंसी "मोसाद" के साथ संबंधों के कारण गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
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