हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "आलामुद्दीन" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام العسکری علیه السلام
خَيْرُ إخْوانِكَ مَنْ نَسِىَ ذَنْبَكَ وَ ذَكَـرَ إحسـانَكَ اِلَـيْهِ
हज़रत इमाम हसन अस्कारी अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
तुम्हारा बेहतरीन भाई वह है जो तुम्हारी खाता को फरामोश कर दे और अपने मुतालिक तुम्हारी नेकी और एहसान को याद रखें,
आलामुद्दीन,पेंज 313