हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "तहज़िबुल अहकाम" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال امیرالمومنین علیه السلام
مَن تَرَکَ إنکارَ المُنکَرِ بقَلبِهِ و یَدِهِ و لِسانِهِ فهُوَ مَیِّتٌ بَینَ الأحیاءِ
हज़रत इमाम अली अ.स. ने फरमाया:
जो मूनकेरात और बुराइयों के खिलाफ अपने दिल हाथ और ज़बान से विरोध नहीं करता तो वह गोया जिंदा लोगों में मुर्दा की तरह हैं।
तहज़िबुल अहकाम,भाग 6,हदीस नं 181