हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने वस्वासी शख़्स के फ़रीज़े से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे दिल चिस्पी रखते है हम उन लोगो के लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब के पाठ का उल्लेख कर रहे है।
💠 सवाल: मुझे वस्वास रोग से पीड़ित हुए कुछ साल हो गए हैं, यह समस्या मुझे बहुत तकलीफ दे रही है और दिन-ब-दिन यह स्थिति बदतर होती जा रही है यहा तक कि मैं हर चीज पर शक करने लगा और मेरा पूरा जीवन शक पर आधारित हो गया है। इससे मुझे जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, जिन मामलों में मैं शक में हूं, उनके बारे में मेरी शरई जिम्मेदारी क्या है?
✅ जवाब: आपकी ज़िम्मेदारी शक की परवाह नहीं करना है, जब तक कि आप किसी ऐसी चीज़ के बारे में सुनिश्चित न हों जाए कि आपकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं है। ज़रूरी है मुकल्लफ़ शरई अहकाम मे अपने ज़ौक और सलीक़े का हस्तक्षेप करने से बचे और शरियत ए मुकद्देसा के अहकामात और क़ानूनो का फ़रमाबरदार और उनपुर इमान रखने वाला हो।