हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
तफसीर; इत्रे क़ुरआन: तफसीर सूर ए बकरा
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
أُولَـٰئِكَ عَلَيْهِمْ صَلَوَاتٌ مِّن رَّبِّهِمْ وَرَحْمَةٌ ۖ وَأُولَـٰئِكَ هُمُ الْمُهْتَدُونَ उलाएका अलैहिम सलावातुन मिर रब्बेहिम वा रहमतुन वा उलाएका होमुल मोहतादून (बकरा 157)
अनुवादः ये वे (भाग्यशाली) हैं जिन पर उनके रब की ओर से बरकतें हैं और दया और कृपा है। और ये लोग हिदायत देते हैं।
क़ुरआन की तफसीर:
1️⃣ अल्लाह तआला की प्रसन्नता और उपकार, उसकी विशेष रहमत, और बरकत की छांव सब्र रखने वाले मोमिनों पर हमेशा बनी रहती है।
2️⃣ अल्लाह तआला की विशेष रहमत और उसकी नेमतें और एहसान अल्लाह तआला के आधिपत्य का हिस्सा हैं।
•┈┈•┈┈•⊰✿✿⊱•┈┈•┈┈•
तफसीर राहनुमा, सूर ए बकरा
•┈┈•┈┈•⊰✿✿⊱•┈┈•┈┈•