बुधवार 7 जून 2023 - 06:33
सूर ए बकरा: तथ्य और ज्ञान को छिपाने वाला धर्म महापाप है

हौज़ा  | जो लोग धार्मिक शिक्षाओं और ईश्वरीय कानूनों और किताबों की सच्चाई को छिपाते हैं, वे हमेशा के लिए आख़िरत से पीड़ित होंगे। इसके बाद अल्लाह सर्वशक्तिमान की सजा है जो शापित है और जो उसकी दया से बहुत दूर है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

तफ़सीर: इत्रे क़ुरआन: सूर ए बकरा की तफ़सीर

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم    बिस्मिल्लाह अल रहमान अल रहीम
خَالِدِينَ فِيهَا ۖ لَا يُخَفَّفُ عَنْهُمُ الْعَذَابُ وَلَا هُمْ يُنظَرُونَ  ख़ालेदीना फ़ीहा ला योख़फ़्फ़फ़ो अनहोमुल अज़ाबा वला हुम युंज़रून (बक़रा 162)

अनुवाद: वो हमेशा इसी (शाप) में रहेंगे और उनके अज़ाब से कभी कम न होगे। न ही उन्हें कोई डेडलाइन दी जाएगी।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣  जो लोग इनकार करते हैं और मर जाते हैं वे हमेशा अल्लाह के अभिशाप से पीड़ित होंगे।
2️⃣  सच्चाई छुपाने वाला धर्म, अगर आप बिना तौबा किये मर गए तो आप पर हमेशा के लिए अल्लाह तआला की लानत होगी।
3️⃣  वे काफिर जो बिना पछतावे के मर जाते हैं, उन्हें परलोक में हमेशा के लिए ईश्वर की सजा का सामना करना पड़ेगा।
4️⃣  जो लोग धार्मिक शिक्षाओं और आसमानी पुस्तकों के नियमों की सच्चाई को छिपाते हैं वे हमेशा परलोक की सजा भुगतेंगे।
5️⃣  अल्लाह ताला की सजा के बाद का जीवन, जो लानत है और जो खुदा की रहमत से दूर है।
6. तथ्य और ज्ञान को छुपाने का धर्म महापाप है।

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तफसीर राहनुमा, सूर ए बकरा
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