۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
ڈاکٹر عباس مہدی حسنی

हौज़ा/वर्तमान भारत की समस्याओं के समाधान के लिए धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक विचार वाले विद्वानों तथा देश के सहानुभूतिशील लोगों को आगे आकर नफरत के माहौल को प्रेम के सुखद माहौल में बदलने का प्रयास करना चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हुज्जतुल इस्लाम मौलाना डॉ. सैयद अब्बास मेहदी हस्नी ने 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस के अवसर पर क़ुम अल-मुक़द्देसा के मदरसा हुज्जतीया की मस्जिद में विभिन्न सांस्कृतिक संघों द्वारा आयोजित एक समारोह में सभी भारतीयों को बधाई दी। धर्मनिरपेक्षता एवं वर्तमान भारत विषय पर भाषण दिया। जिसमें भारत में धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था का लागू होना वर्तमान भारत की आवश्यकता है, जिसमें सभी धर्मों के अनुयायियों का कल्याण हो।

भाषण के बीच में उन्होंने कहा कि भारत की वर्तमान समस्याओं के समाधान के लिए धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक सोच वाले विद्वानों और देश के सहानुभूतिशील लोगों को आगे आना चाहिए और नफरत के माहौल को प्यार के सुखद माहौल में बदलने का प्रयास करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए, विशेषकर उनकी धार्मिक स्वतंत्रता को न छीना जाना चाहिए, गंगा-जमुनी संस्कृति को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाना चाहिए, न्यायपालिका को अपनी स्वतंत्रता और निष्पक्षता बनाए रखनी चाहिए और सरकार को धर्म और नफरत की राजनीति के बजाय भारत के संविधान के अनुसार कार्यान्वयन करना चाहिए।

अंत में उन्होंने सर सैयद अहमद खान को उद्धृत करते हुए हिंदुओं और मुसलमानों की तुलना शरीर के अंगों से की और उनसे कट्टरता, नफरत, शत्रुता और द्वेष से दूर रहने और प्रेम से रहने का आग्रह करते हुए कहा कि इसी मे अखिल भारतीय देश का विकास और समृद्धि है।

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